चार साल में 74 हजार कैंसर मरीजों को मिला उपचारएमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच के चौथे स्थापना दिवस के मौके पर जारी हुआ आंकड़ा।

चार साल में 74 हजार कैंसर मरीजों को मिला उपचारएमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच के चौथे स्थापना दिवस के मौके पर  जारी हुआ आंकड़ा।

वाराणसी,18.02.2023- महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच) के चौथे स्थापना दिवस के मौके पर शुक्रवार से अस्पताल के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग द्वारा तीन दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। शनिवार को संगोष्ठी के दूसरे दिन अस्पताल प्रशासन द्वारा एम.पी.एम.एम.सी.सी. एवं एच.बी.सी.एच. में पंजीकृत मरीजों का आंकाड़ा जारी किया गया। आंकड़ों के अनुसार अब तक दोनों अस्पतालों में 74277 मरीजों का पंजीकरण किया जा चुका है।अब तक पंजीकृत कुल मरीजों में से 20851 हजार मरीज केवल पिछले साल यानि 2022 में पंजीकृत हुए हैं। 

19 फरवरी 2019 को देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच का अधिकारिक रूप से उद्घाटन किया गया था। हर साल 19 फरवरी को अस्पताल का स्थापना दिवस मनाया जाता है इस बार इसकी शुरुआत तीन दिवसीय संगोष्ठी “कैंसर मैनेजमेंट इन द एरा ऑफ मॉलिक्यूलर ऑन्कोलॉजी” के साथ शुरू हुआ है। संगोष्ठी के दूसरे दिन एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच द्वारा मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं की विस्तृत जानकारी एवं 2022 की उपलब्धियों को प्रेस के सामने रखा गया।इस दौरान पीबीसीआर रिपोर्ट का दूसरा संस्करण भी जारी किया गया।

साल दर साल बढ़ रहा पंजीकरणः इस मौके पर अस्पताल में इलाज लेने वाले मरीजों का आंकड़ा जारी करते हुए दोनों अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने बताया कि हर साल मरीजों के पंजीकरण में बढ़ोतरी दिख रही है। 2018 में होमी भाभा कैंसर अस्पताल में 6250 मरीज पंजीकृत हुए थे, जो 2022 में बढ़कर दोनों अस्पतालों में 20851 हो गए। कैंसर इलाज को लेकर अस्पताल पर बढ़ते लोगों के विश्वास एवं बीमारी के प्रति बढ़ती लोगों में जागरुकता की ही देन है कि नए पंजीकरण में वृद्धि हो रही है।  

                                                

पुरुषों में मुह और महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे अधिक: अस्पताल में पंजीकृत होने वाले मरीजों पर नजर डाले तो पता चलता है कि पुरुषों में मुंह का कैंसर, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर पहले नंबर पर है। वहीं दूसरे नंबर पर पुरुष एवं महिलाओं दोनों में गॉल ब्लैडर (पित्त की थैली) का कैंसर है।

70 हजार महिलाओं की जांचः किसी भी बीमारी की समय रहते पहचान होने से न केवल बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है, बल्कि इसके प्रभावी प्रबंधन में भी मदद मिलती है। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच द्वारा महिलाओं के लिए एक व्यापक कैंसर जांच अभियान की शुरुआत भी की गई है। इस अभियान के तहत अस्पताल द्वारा महिलाओं में होने वाले सबसे ज्यादातर कैंसर जैसे, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा एवं मुख के कैंसर की जांच की जा रही है। अब तक वाराणसी के सेवापुरी, हरहुआ, अराजीलाइन, काशी विद्यापीठ इत्यादि ब्लॉक में 70 हजार महिलाओं की निःशुल्क जांच की गई है। जांच में कैंसर की संभावना होने पर उन्हें स्पष्टीकरण के लिए अस्पताल भेजा जाता है और पुष्टि होने के बाद इनका इलाज भी शुरु किया जा रहा है।

9798 मरीजों को निःशुल्क इलाजः इलाज के लिए अस्पताल आने वाले अधिकतर मरीज आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। कईयों के पास तो इलाज के लिए एकदम भी पैसे नहीं होते। ऐसे मरीजों को इलाज दिलाने के लिए अस्पताल के मेडिकल सोशल वर्क विभाग द्वारा मदद की जाती है।

इन मरीजों के इलाज के लिए कुछ राशि अस्पताल द्वारा दिया जाता है, जबकि कुछ एनजीओ भी इसके लिए अस्पताल के साथ काम करते हैं। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 से लेकर नवंबर 2022 तक इलाज का खर्च न वहन कर पाने वाले कुल 9798 मरीजों की मदद मेडिकल सोशल वर्क विभाग द्वारा की गई। इन मरीजों के इलाज में कुल 61 करोड़ रुपये का खर्च आया था, जिसका एक भी भुगतान मरीज या उसके परिजन के द्वारा नहीं किया गया था।

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